शिक्षा प्रतिनिधि द्वारा
पटना : बिहार में जल्द ही राम युग आ सकता है, चौंकिए मत… अगर सरकार ने एक प्रस्ताव को मंजूर कर लिया तो दुनिया की पहली रामायण यूनिवर्सिटी लोकतंत्र की जननी वैशाली में खुलेगी। इसके लिए बिहार सरकार से मंजूरी भी मांगी गई है। इस विश्वविद्यालय को खोलने की अनुमति महावीर मंदिर ट्रस्ट ने मांगी है।
पटना: अगर सबकुछ ठीक रहा तो बिहार में देश ही नहीं बल्कि दुनिया का पहला रामायण विश्वविद्यालय खुल जाएगा। इसके लिए बकायदा कोशिश भी शुरू हो गई है। महावीर मंदिर ट्रस्ट ने वैशाली के इस्माइलपुर में जल्द ही रामायण विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी है। ट्रस्ट ने मंगलवार को शिक्षा विभाग को 10.50 लाख रुपये के अपेक्षित डिमांड ड्राफ्ट के साथ एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। यह अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय है जो देश के पारंपरिक विश्वविद्यालयों में स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी और डी लिट के समकक्ष शास्त्री, आचार्य, विद्या वाचस्पति और विद्या वरिधि की डिग्री के लिए पाठ्यक्रम प्रदान करेगा।
ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि विश्वविद्यालय इस्माइलपुर में ट्रस्ट के स्वामित्व वाली 12 एकड़ भूमि के क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थापना और सुविधाओं का पूरा खर्च मंदिर ट्रस्ट की ओर से वहन किया जाएगा। विश्वविद्यालय में वाल्मीकि रचित रामायण और तुलसीदास रचित रामचरित मानस जैसे भगवान राम के जीवन और कार्यों पर आधारित विभिन्न अन्य क्लासिक कार्यों पर शोध की सुविधा भी होगी।
उन्होंने कहा कि परिसर में भारतीय और विदेशी विद्वानों के लिए शोध कार्यों के लिए समृद्ध पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा। कुणाल ने कहा, ‘पुराने देश की महान अकादमिक प्रवृत्ति, शस्त्रार्थ और जनहित के विभिन्न मुद्दों पर विद्वानों की बहस न केवल पुनर्जीवित होगी बल्कि अकादमिक पाठ्यक्रम में एक नियमित विशेषता भी बन जाएगी। अन्य विषयों के अलावा महर्षि पाणिनि द्वारा अष्टाध्यायी पर आधारित संस्कृत व्याकरण और पतंजलि का महाभाष्य और काशिका एक महत्वपूर्ण विषय होगा। विश्वविद्यालय में शैक्षणिक पाठ्यक्रम पूरा होने पर रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए डिजाइन किए गए कई पाठ्यक्रम भी होंगे। ये हैं ज्योतिष, कर्मकांड, आयुर्वेद, योग और प्रवचन ।’